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रूस (रूसी: Росси́йская Федера́ция / रोस्सिज्स्काया फ़ेदेरात्सिया, Росси́я / रोस्सिया) पूर्वी यूरोप और उत्तरी एशिया में फैले ट्रांसकॉन्टिनेंटल देश। यह दुनिया का सबसे बड़ा देश है; 17,125,191 किमी 2 से अधिक, पृथ्वी के बसे हुए भूमि क्षेत्र के एक-आठवें से अधिक से मिलकर, ग्यारह समय क्षेत्रों तक फैली हुई है, और इसमें सोलह संप्रभु देशों की सीमा है। रूस की जनसंख्या 146.7 मिलियन है; और नौवां सबसे अधिक आबादी वाला देश है, साथ ही यह यूरोप में सबसे अधिक आबादी वाला देश है। मॉस्को, राजधानी, यूरोप का सबसे बड़ा शहर है, जबकि सेंट पीटर्सबर्गदूसरा सबसे बड़ा शहर और देश का सांस्कृतिक केंद्र है। रूसी सबसे बड़े स्लाव और यूरोपीय राष्ट्र हैं; रूसी भाषा, सबसे अधिक बोली जाने वाली स्लाव भाषा और यूरोप में सबसे अधिक बोली जाने वाली मूल भाषा।
रूस के साथ जिन देशों की सीमाएँ मिलती हैं उनके नाम हैं – (वामावर्त) – नार्वे, फ़िनलैण्ड, एस्टोनिया, लातविया, लिथुआनिया, पोलैण्ड, बेलारूस, यूक्रेन, जॉर्जिया, अज़रबैजान, कजाकिस्तान, चीन, मंगोलिया और उत्तर कोरिया।
रूसी साम्राज्य के दिनों से रूस ने विश्व में अपना स्थान एक प्रमुख शक्ति के रूप में किया था। प्रथम विश्वयुद्ध के बाद सोवियत संघ विश्व का सबसे बड़ा साम्यवादी देश बना। यहाँ के लेखकों ने साम्यवादी विचारधारा को विश्व भर में फैलाया। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद सोवियत संघ एक प्रमुख सामरिक और राजनीतिक शक्ति बनकर उभरा। संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ इसकी वर्षों तक प्रतिस्पर्धा चली जिसमें सामरिक, आर्थिक, राजनैतिक और तकनीकी क्षेत्रों में एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ थी। १९८० के दशक से यह आर्थिक रूप से क्षीण होता चला गया और १९९१ में इसका विघटन हो गया जिसके फलस्वरूप रूस, सोवियत संघ का सबसे बड़ा राज्य बना।
वर्तमान में रूस अपने सोवियत संघ काल के महाशक्ति पद को पुनः प्राप्त करने का प्रयास कर रहा है। यद्यपि रूस अभी भी एक प्रमुख देश है लेकिन यह सोवियत काल के पद से भी बहुत दूर है।
अनुक्रम
इतिहास
मुख्य लेख: रूस का इतिहास
आधुनिक रूसी लोगों को स्लाव मूल के इतिहास से जोड़ा जाता है जो उत्तर और पश्चिम की तरफ से आए थे। हालाँकि इससे पहले यवनों (हेलेनिक) तथा ख़ज़र तुर्कों का साम्राज्य दक्षिणी रूस में रहा था। यद्यपि आज रूस में कई मूल के लोग रहते हैं – रूसी, खज़र, तातर, पोल, कज़ाख, कोस्साक – रूसी मूल के लोगों का इतिहास पूर्वी स्लावों के समय से आरम्भ होता है। तीसरी से आठवीं सदी तक स्लाव साम्राज्य अपने चरम पर था। कीव में स्थापित उनका साम्राज्य ही आज के रूसी लोगों का परवर्ती माना जाता है। कीवी रूसों ने १०वीं सदी में ईसाई धर्म को स्वीकार कर लिया। तेरहवीं सदी में मंगोलों के आक्रमण के कारण किवि रुसों का साम्राज्य छिन्न-भिन्न हो गया। पर तेरहवीं सदी के बाद जैसे-जैसे मंगोलों की शक्ति पश्चिम में क्षीण होती गई, रूस भी स्वतंत्र होता गया। इस समय तक रूस सिर्फ यूरोप तक सीमित था – यानि यूराल पर्वत के पश्चिम तक। सन् १३८० में दमित्री ने मॉस्को में रूसी साम्राज्य की स्थापना की जो आधुनिक रूस की आधारशिला कहा जा सकता है। फिर ज़ारों का शासन आया – इस काल में यूरोप और पूर्व की तरफ रूसी साम्राज्य शक्तिशाली हुआ। सन् १७२१ में रूस फिर से एक साम्राज्य के रूप में स्थापित हआ जो धीरे-धीरे औपनिशिक रूप लेता गया। हालाँकि पश्चिमी यूरोप में वैज्ञानिक खोज़ें हुई थीं पर पीटर महान और अन्य शासकों के प्रयासों से रूस का विस्तार पूर्व में हुआ।
11वीं सदी में कीवि रुस साम्राज्य
उत्तरी चीन के मंगोलों को अधीन करने के बाद रूसी सेना जापान के तट तक जा पहुँची और इसके बाद से ही रूसी साम्राज्य इतना विशाल बना। उसके बाद रूसी साम्राज्य का और विकास हुआ। यद्यपि वैज्ञानिक रूप से यह पिछड़ा रहा पर नेपोलियन (१८१२), ईरान (उन्नीसवीं सदी) और तुर्की (सन् १८५४) से युद्ध जीतते रहने के कारण साम्राज्य स्थिर रहा। उन्नीसवीं सदी में साहित्य और यंत्रों की स्थिति में भी बहुत सुधार आया पर फिर भी रूस पश्चिमी यूरोप से तकनीकी रूप से पिछड़ा रहा।
सन् १९०५ में अपने नवजागरण के बाद महात्वाकांक्षी बने जापान ने रूस को एक लड़ाई में हरा दिया। इससे रूस की जनता के मन में शासक, यानि ज़ार के प्रति क्षोभ उत्पन्न हो गया। सन् १९१७ में यहाँ बोल्शेविक क्रांति हुई जिसके कारण साम्यवादी शासन स्थापित हुआ। द्वितीय विश्वयुद्ध के समय तक रूसी साम्राज्य मध्य एशिया में फैल चुका था। युद्ध में जर्मनी को हराने के बाद रूसी शक्ति और अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में रूस तेजी से हावी हो गया। साम्यवादी नीति, कृषि और अंतरिक्ष तथा यंत्रों के क्षेत्र में हुए अभूतपूर्व प्रगति के कारण रूस दुनिया के तकनीकी और आर्थिक मंडल पर एक बड़ी शक्ति बनकर आया। अमेरिका एक दूसरी प्रतिस्पर्धी शक्ति थी जिससे इनमें तकनीकी और शस्त्रों की होड़ चली। कई वर्षो के निःशस्त्र शीतयुद्ध के बाद १९९१ में सोवियत संघ का विघटन हो गया और रूस इसका उत्तराधिकारी देश बना। इसके बाद से यहाँ एक जनतांत्रिक सरकार का शासन है और यह आर्थिक और राजनीतिक रूप से थोड़ा कम महत्वपूर्ण बन गया।
विभाग
इतने बड़े देश होने के कारण रूस के विभागों के भी कई प्रकार हैं। रूस में गणराज्य, स्वायत्त प्रदेश, केन्द्रीय नगर और स्वायत्त जिले जैसे घटक विभाग हैं। अगर इन्हें संयुक्त रूप से प्रदेश कहें तो रूस के 83 प्रदेश हैं – 46 प्रान्त, 21 गणराज्य (आंशिक रूप से स्वायत्त), 9 स्वायत्त रियासत, 4 स्वायत्त ज़िले, 1 स्वायत्त प्रान्त और 2 केन्द्रशासित नगर – मास्को और सेंट पीटर्सबर्ग।
गणराज्य
रेस्पब्लिक (Республики) आंशिक रूप से स्वायत्त होते हैं। इनके अपने संविधान होते हैं और अपने राष्ट्रपति।