budget 2023 (राजस्थान बजट 2023)

10 फरवरी 2023 को सीएम गहलोत पेश करेंगे बजट

क्या क्या बड़ी सोगात देगी राजस्थान सरकार ?

चुनावी साल में सीएम अशोक गहलोत राजस्थान के बजट 2023-24 में ‘बचत, राहत और बढ़त’ देने जा रहे हैं। सरकार ने तीन शब्दों वाले बड़े होर्डिंग्स सड़कों पर लगवाकर साफ संकेत दे दिए हैं। गहलोत जादुई पिटारे से क्या-क्या सौगातें दे सकते हैं, पेश है

राजस्थान सरकार बजट 2023

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) कल दिन में 11 बजे राजस्थान का बजट पेश करेंगे. इस बजट के बारे में खुद गहलोत सरकार कई दिनों से प्रचार करने में लगी है, जिससे तीन बातें साफ हो गईं है कि इस बार बहुत कुछ नया होगा. बचत, राहत और बढ़त की बात हो रही है. वहीं जहां एक तरफ महंगाई का मुद्दा बना हुआ है तो दूसरी तरफ सरकार (Rajasthan Government) राहत का दावा कर रही है. तो क्या वाकई में लोगों को इन सब चीजों की जरूत है.वैसे प्रदेश में बजट से पांच बातों की खूब चर्चा है. नए जिलों और सम्भागों, महिलाओं के बसों में फ्री यात्रा, युवाओं के लिए रोजगार, 250 से 300 यूनिट बिजली और किसानों को पेंशन के साथ रोजगार भत्ता की चर्चा बहुत ज्यादा है. इन्हीं पांच बड़ी बातों पर कल अमल होने की उम्मीद है. इससे युवाओं, महिलाओं के लिए बल्ले-बल्ले होने की बात कही जा रही है. सरकार पिछले एक साल से महिला, किसान और युवा वोटर्स को रिझाने में जुटी है. इसलिए इस बजट में इन पांच बिंदुओं को प्रमुखता से रखने की बात हो

महिलाओं के लिए 2 प्रमुख योजना

उड़ान योजना के तहत अभी तक महिलाओं को हर महीने 12 सेनेटरी नैपकिन नि:शुल्क दिया जा रहा है. इसे और मजबूती के साथ लागू करने की बात है. वहीं इस बार बजट में महिला वोटर्स को रिझाने के लिए दो प्रमुख चीजों पर काम किया जा रहा है. पहला 500 रूपये में गैस सिलेंडर और दूसरा उन्हें प्रदेश की बसों में फ्री यात्रा करने के सुविधा. चूंकि, बीजेपी भी महिला वोटर्स को रिझाने के लिए काम कर रही है. गैस सिलेंडर को 500 रूपये में करने के लिए सरकार ने पहले ही घोषणा किया है. ऐसे में अब उसे घोषित करके उसपर मुहर लगाने की बात होगी. दिल्ली की तर्ज पर राजस्थान में महिलाओं को सरकारी बसों में फ्री में यात्रा करने की घोषणा कर सकती है. वहीं सरकारी महिला कर्मचारी और अधिकारियों को पीरियड्स के दौरान वर्क फ्रॉम होम की भी घोषणा होने की संभावना है.

क्या हो सकता है युवाओं के लिए

सरकार की नजर में युवा वोटर्स बहुत महत्वपूर्ण हैं. इसलिए सरकार युवाओं पर नजर गड़ाए हुए है. जहां एक तरफ पेपर लीक मामले को लेकर सरकार दबाव में है तो वहीं दूसरी तरफ युवाओं के लिए रोजगार और भत्ता देने की तैयारी है. सरकार इस बार बड़ी संख्या में नई नियुक्तियों की घोषणाएं कर सकती है. वहीं एक तरफ जहां ओड़िसा में अब कोई भी संविदा पर भर्ती नहीं होगी तो राजस्थान की सरकार भी उसी दिशा में काम करने जा रही है. जो अभी संविदा पर नियुक्त हैं उनके मानदेय को बढ़ाने की योजना है. वहीं एक आकंड़ें के अनुसार राजस्थान में करीब 2 लाख रजिस्टर्ड युवा बेरोजगार हैं. उनके लिए सरकार खजाना खोल सकती है. बेहतर रोजगार के साथ ही साथ बेहतर भत्ता देने की संभावना है.

बिजली फ्री करने की है तैयारी

दिल्ली और पंजाब में आप की सरकार ने बिजली फ्री किया है. उसी तर्ज पर यहां की सरकार द्वारा भी 50 यूनिट से बढ़ाकर 250 से 300 यूनिट करने की सम्भावना है, क्योंकि पिछले दिनों अशोक गहलोत ने खुद कई बार गुजरात में कांग्रेस की हार के लिए आप पार्टी को जिम्मेदार बताया है. ऐसे में राजस्थान में भी अशोक गहलोत की सरकार आप पार्टी की तर्ज पर यहां भी बिजली बिल 300 यूनिट फ्री करके बड़ा सन्देश देना चाह रही है. इसके लिए कई बार सरकार के लोगों ने ही चर्चा भी की है

नए जिलों की मिल सकती है सौगात

पिछले दिनों रामलुभाया कमेटी द्वारा सरकार को रिपोर्ट सौंपने की बात सामने आई थी, जिसमें ब्यावर, बालोतरा, भिवाड़ी, नीमकाथाना, नोखा, कुचामन सिटी, कोटपूतली और फलौदी को जिला बनाने की चर्चा है. संभाग के लिए भी सीकर, बाड़मेर, चित्तौड़गढ़ का नाम सामने आ रहा है. कोटा को पुलिस कमिश्नरेट बनाए जाने की भी चर्चा हो रही है. तो क्या इस बार के बजट से ये मांगें पूरी हो जाएंगी? क्योंकि आये दिन कांग्रेस के ही विधायक गहलोत सरकार पर हमला बोल रहे हैं? वहीं पूर्व आईएएस डॉ. रामलुभाया की कमेटी का कार्यकाल मार्च तक ही बचा ह

पेंशन और निःशुल्क दवाएं

वर्ष 2018 में जब राजस्थान में सरकार आई थी तो उस दौरान किसानों का बकाया माफ करने का वादा किया गया था. इस बार भी किसानों के लिए गहलोत सरकार खजाना खोलने की तैयारी में है. मसलन, किसानों को हर माह पेंशन या भत्ता देने की तैयारी है. वहीं विधवा पेंशन, बुजुर्ग, दिव्यांग को जो पेंशन दी जा  रही है उसमें बढ़ोत्तरी की संभावना है. यह अभी 1500 रुपए है उसे अधिकतम 3000 करने की घोषणा हो सकती है. वहीं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए फ्री दवाएं मिल सकती हैं. अभी 917 दवाएं निशुल्क दी जा रही हैं. स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर करने की तैयारी हो सकती है

इसके आलावा और भी कुछ :

एप बेस्ड कंपनियों के कामगारों के लिए प्रोविजन
प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों को शोषण से बचाने के लिए भी सरकार बड़े कदम उठा सकती है। फूड डिलीवरी एप, कैब सर्विसेज जैसी एप बेस्ड कंपनियों में काम करने वाले कामगारों के लिए सामाजिक सुरक्षा की दृष्टि से कानूनी प्रावधान बनाकर बजट दिया जा सकता है। ताकि उन कामगारों की नौकरी सुरक्षित रहे और वह शोषण से बच सकें।

ओपीडी सुविधा
सरकार प्रदेश में लागू मुख्यमंत्री चिंरजीवी योजना के तहत सरकारी और निजी अस्पतालों में ओपीडी को भी फ्री कर सकती है। अभी मरीजों को सरकारी और निजी अस्पतालों में भर्ती होने पर 10 लाख रुपए तक निशुल्क उपचार देने का प्रावधान है। साथ ही हर परिवार का 5 लाख रुपए का दुर्घटना बीमा भी है। आउटडोर पेशेंट का फ्री ईलाज गेमचेंजर साबित हो सकता है।

संविदा कर्मचारियों को साध सकती है सरकार
गहलोत सरकार संविदा कर्मचारियों को साधने के लिए पॉलिसी के तहत नियमित करने की घोषणा कर सकती है। चुनाव जन घोषणा पत्र में भी इसका वादा किया गया था। लेकिन नियमित न कर नियमित करने के लिए नया कानून बना दिया गया। जो झुंझुना लग रहा है। पैरा टीचर्स सहित शिक्षा विभाग में कई पद ऐसे हैं, जिन पर शिक्षकों को लंबे समय से अल्प वेतन मिल रहा है। इनके नियमितीकरण के साथ पटवारी, कांस्टेबल, ग्राम सेवक जैसे कैडर की ओऱ से 3600 का ग्रेड पे लागू करने की मांग पर सरकार कोई रास्ता निकाल सकती है।

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