क्या आप खूब महेनत करते हो लकिन आपकी गरीबी दूर नहीं हो रही हें |गरीब ने आपकी कमर तोड़ रही हें ?
आपकी गरीबी दूर करेगी बागेश्वर धाम
एक ऐसा चमत्कार जो आप के जीवनरखा ही बदल देगा -एक ऐसा श्री श्री यंत्रम् जिसमें मां लक्ष्मी की कृपा और दिव्यता का अलौकिक वरदान समाहित है लेकिन ये मौका पूरे भारतवर्ष के केवल 5 हजार लोगों को ही मिलेगा। 5 हजार भाग्यशाली भक्तों के घर में अभिमंत्रित, वैदिक ब्राह्मणों द्वारा विधिपूर्वक पूजन करवाकर सिद्ध किया हुआ श्री श्री लक्ष्मी यंत्रम् स्थापित करवाया जायेगा

बागेश्वर धाम सरकार क्यों है फेमस? बागेश्वर धाम भगवान हनुमान के मंदिर के लिए फेमस है। बागेश्वर धाम अनेक तपस्वियों की दिव्य भूमि है, जहां दर्शन मात्र से ही लोगों को बालाजी महाराज की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त हो जाता है। बता दें, हनुमान की कृपा और आशीर्वाद लेने के लिए भक्त भारत के सभी राज्यों से आते हैं मंदिर के महाराज “श्री धीरेन्द्र कृष्ण” जी के द्वारा टोकन के माध्यम से लोगों की समस्याओं के समाधान हेतु बागेश्वर मंदिर धाम में भगवान बालाजी के सामने अर्जी लगाई जाती है।बागेश्वर धाम पर आने के लिए आपको मंगलवार के दिन ही जरूरी नहीं है आप जिस भी दिन आना चाहते हैं उस दिन आ सकते हैं। बागेश्वर धाम आने के लिए आपकी सच्ची श्रद्धा निष्ठा और विश्वास होना चाहिए यदि आप सच्ची निष्ठा और विश्वास लेकर बागेश्वर धाम आते हैं तो आपकी सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं ।
बागेश्वर धाम –मध्यपरदेश के छतरपूर जिले के गढ़ा में स्थित बागेश्वर धाम जो स्वंयभू हनुमान जी की दिव्यता के लिए देश – विदेश में प्रसिद्ध है। कई तपस्वियों की दिव्य भूमि है बागेश्वर धाम, जहां लोगों को बालाजी महाराज की कृपा और आशीर्वाद दर्शन मात्र से ही मिल जाते हैं। यहां बालाजी महाराज एक अर्जी के माध्यम से सुनते हैं आपकी समस्या और धाम के पीठाधीश्वर पूज्य धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री जी महाराज, जिसे दुनिया बागेश्वर धाम सरकार के नाम से संबोधित करती है, के माध्यम से समाधान करवाते
धाम या फिर धाम में लगने वाले पूज्य गुरुदेव के दिव्य दरबार के बारे में जानकारी या फिर बागेश्वर धाम सरकार के आगामी कार्यक्रम की जानकारी हासिल करने के लिए धाम के कॉन्टेक्ट नंबर पर बात करके भी हासिल कर सकते है
कैसे मिलेगा बागेश्वर धाम में टोकन? बागेश्वर धाम में टोकन समय समय पर वितरित किए जाते हैं। इसके लिए आपको बागेश्वर धाम कमेटी से संपर्क करना होगा। इसके लिए एक तिथि निर्धारित की जाती है और तिथि से पहले बागेश्वर आने वाले सभी श्रद्धालुओं को सूचित किया जाता है कि इस तारीख को टोकन डाले जाएंगे। इसके लिए परिसर में एक पेटी रखी होती है, जिसमें आपको अपना नाम, पिता का नाम ,अपने गांव, जिला, राज्य का नाम पिन कोट के साथ लिखना होता है और साथ ही अपना मोबाइल नंबर लिखकर डालना होता है। टोकन डालने के बाद जिस व्यक्ति का नंबर लगता है उस व्यक्ति से बागेश्वर धाम कमेटी मोबाइल नंबर के माध्यम से संपर्क करती है और उसे टोकन दे दिया जाता है। इस टोकन में आपको एक तारीख मिलती है औऱ उस दिन ही बागेश्वर बालाजी महाराज के दरबार में आपको हाज़री लगानी होती है।
बागेश्वर धाम में अर्जी कैसे लगती है? बागेश्वर धाम में अर्जी लगाने की प्रक्रिया बेहद सरल है। करना भी इतना होता है कि आप जब धाम पर आते हैं तो आपको लाल कपड़े में एक नारियल बांध कर धाम परिसर में रखना होता है। हालांकि यहां आप लाल, पीले और काले कपड़े में बंधा नारियल देखेंगे। इसके पीछे की वजह ये है कि अगर आपकी अर्जी सामान्य है तो और लाल कपड़े में नारियल बांधे, अगर शादी-विवाह से जुड़ी अर्जी है तो नारियल को पीले कपड़े में बांधे और अगर अर्जी प्रेत बाधा से जुड़ी है तो नारियल को काले कपड़े में बांधे।
कई बार अपनी कथाओं में भी पूज्य गुरुदेव कहते हैं कि अगर आप धाम आकर ऐसा नहीं कर सकते तो अपने घर में स्थित पूजा स्थल पर आप ऐसा कर सकते हैं। बागेश्वर बालाजी महाराज आपकी अर्जी को अवश्य सुनेंगे।
कब डाले जाते हैं टोकन? टोकन कब डलेंगे, उस दिन का निर्धारण खुद पूज्य गुरुदेव करते हैं। जब तिथि तय हो जाता है तो सोशल मीडिया द्वारा या फिर गुरुदेव के दिव्य दरबार के आखिर में इसकी सूचना दे दी जाती है। टोकन लेने के लिए जिस पर्ची को भक्त जमा करता है, उनमें से कुछ पर्चियों को छांट कर फोन के माध्यम से भक्तों से संपर्क किया जाता है। इसका मतलब ये होता है कि बालाजी महाराज की इच्छा और आशीर्वाद से आपका नंबर आ जाता है।
कितनी पेशी जरूरी है ? बंधुओं, दरबार में जब आप की अर्जी लग जाती है तो दिव्य दरबार में पूज्य गुरुदेव खुद बता देते हैं कि कितनी पेशी आपको करनी है। वैसे तो कम से कम 5 मंगलवार की पेशी हर भक्त को करने का आदेश आता है। आप भक्तगण इससे अधिक पेशी भी कर सकते हैं और हां जब तक आपकी पेशी पूरी नहीं हो जाती, तब तक मदिरा, मांस, लहसुन और प्याज का सेवन पूरी तरह से वर्जित रखना होता है।